वे वियतनाम (Viytanam) के महान राष्ट्रवादी थे। वे फ्रांसीसी सत्ता के विरोधी थे। इसे समाप्त करने के लिए उन्होंने आंदोलन चलाया। सन् 1903 ई० में उन्होंने दुई तान होई नामक क्रांतिकारी संगठन बनाया।
इस दल ने उपनिवेशवाद विरोधी आंदोलन चलाया। उन्होंने दि हिस्ट्री ऑफ दि लॉस ऑफ वियतनाम नामक पुस्तक लिखकर जनमानस को झकझोर दिया। वियतनाम की स्वतंत्रता के लिए वे राजशाही का समर्थन और सहयोग लेने के हिमायती थे।