राष्ट्रीय पर्व स्वतंत्रता दिवस पर निबंध। Rashtriya Parv Swantrata Divas Par Nibandh
हम भारतवासी प्रत्येक वर्ष 15 अगस्त को अपनी स्वतंत्रता की वर्षगांठ मनाते हैं। इस दिन संपूर्ण देश में (तिरंगा) राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है।
हम भारतवासी अपने राष्ट्रध्वज के समक्ष उसके सम्मान में राष्ट्रीय गीत गाते हैं।
15 अगस्त को भारत में झोपड़ी हो या महल, शहर हो या गाँव, विद्यालय हो या कार्यालय, ट्रेन हो या बस, वायुयान हो या जलयान - सब जगह तिरंगा लहराता हुआ दिखाई पड़ता है।
विद्यार्थियों (Students) की उमंग तो देखते ही बनती है । सभी शिक्षण संस्थाओं में यह राष्ट्रीय पर्व बड़े उल्लास के साथ मनाया जाता है।
सरकारी (Governmental) और निजी संस्थाओं (Private Institute) में भी इस दिन राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है। प्रधानमंत्री (Prime Minister) दिल्ली के लाल किले पर राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं, और राष्ट्र के नाम संदेश देते हैं।
इसकी पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति (President) का संदेश प्रसारित होता है। स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त) हमारा पुनीत राष्ट्रीय पर्व है। इस पर्व को मनाने के पीछे हमारा एक ही उद्देश्य है, कि हम उन वीर सपूतों को याद करें जिनके त्याग और बलिदान के चलते हमें स्वतंत्रता प्राप्त हुई।
आज के दिन हम अपने शहीदों को याद कर अपने भीतर प्रेरणा का अनुभव करते हैं।
वास्तव में यह पर्व हमें सतर्क करता है, कि स्वतंत्रता की रक्षा करना हमारा नैतिक दायित्व है।
प्रत्येक भारतवासी को आज के दिन भारत की समृद्धि और अखंडता की सुरक्षा के लिए दृढ़ प्रतिज्ञा करनी चाहिए।
स्वतंत्रता का अर्थ स्वच्छंदता नहीं होता। स्वच्छंदता स्वतंत्रता के अर्थ को खंडित करती है।
हम स्वतंत्र हैं - इसका अर्थ सिर्फ यही हुआ कि हम देश के हित में अपना हित समझते हैं। हमें स्वतंत्रता तो प्राप्त हो गई, पर हमारे चिंतन और आचरण से अब भी परतंत्रता की गंध आती है। हमें इसे दूर करने का संकल्प लेना होगा।
सन् 1997 ई० में हमने सोल्लास स्वतंत्रता की अर्द्धशती मनायी और इसकी रक्षा के लिए दृढ़ संकल्प किया।