दूरदर्शन ( टेलीविजन)
वर्तमान युग विज्ञान का है। विज्ञान ने जिन अच्छे उपहारों से हमें अलंकृत किया है उनमें से एक है-दूरदर्शन। पहले रेडियो द्वारा सूचनाओं को एक स्थान से दूसरे स्थान तक प्रेषित करते थे। लेकिन यह केवल श्रव्य होता था । दूरदर्शन श्रव्य और दृष्य दोनों का सम्मिलित रूप है। इसलिए यह संचार माध्यमों में सबसे आधुनिक है।
आज दूरदर्शन संचार माध्यमों में सबसे सशक्त माध्यम माना जाता है। जिस क्षेत्र में प्रसारण की सुविधा उपलब्ध है वहाँ के लोग प्रसारित होने वाले समस्त कार्यक्रमों को देख सकते हैं। । दूरदर्शन के द्वारा सम्पादित होने वाले कार्यों को हम चार भागों में बाँट सकते हैं - (1) सूचना (2) शिक्षण (3) मनोरंजन (4) विज्ञापन | सूचना के अन्तर्गत हम विश्व में घटित होने वाली महत्वपूर्ण घटनाओं के विषय में जानकारी प्राप्त करते हैं तथा वहाँ घटित स्थिति को अपनी आँखों से देख सकते हैं। चाहे भूकम्प की दुर्दशा हो, चाहे युद्ध की विभीषिका, उत्सव का दृश्य हो या कार्यवाही का विवरण, हम स्थानों, सभागारों और महत्वपूर्ण बैठकों में बैठे राजनेताओं अथवा खेल के मैदान में खेलते महान खिलाड़ियों या कला-प्रदशर्न करते कलाकारों को देख सकते हैं जिनको सामान्यतः देख पाना हमारे असंभव होता है । कम-से-कम सामान्य जन तो उसके विषय में सोच भी नहीं सकते हैं।
दूरदर्शन का दूसरा पक्ष है - शिक्षण । इसके अन्तर्गत दूरदर्शन खेती-बाड़ी, वस्तु-निर्माण, कला-सृजन, अध्ययन, भौगोलिक ज्ञान आदि से संबंधित कार्यक्रम प्रस्तुत करता है और हम उसे सीखने का प्रयास करते हैं। केवल वस्तुपरक ही नहीं बोधात्मक ज्ञान भी हमें प्राप्त होता है। राष्ट्रीयता, चरित्र निर्माण, परोपकार, साम्प्रदायिक सद्भाव, पारस्परिक सहयोग आदि से संबंधित कार्यक्रमों के द्वारा हम अपने में इन गुणों को विकसित करने का प्रयास करते हैं। इसी तरह नशे की लत छोड़ने, जाति, धर्म आदि से संबंधित संकीर्णताओं का त्याग करने तथा हिंसा, चोरी आदि आपराधिक कार्यों से बचने की शिक्षा भी प्राप्त करते हैं।
मनोरंजन के अन्तर्गत दूरदर्शन द्वारा दिखाये जाने वाले सीरियलों, फिल्मों तथा अन्य कार्यक्रमों द्वारा हमारा मनोरंजन होता है। यहाँ मनोरंजन और शिक्षणदूरदर्शन विज्ञापन का सर्वोत्तम साधन है । तरह-तरह की वस्तुओं यहाँ तक नौकरियों के लिए आवश्यकताएँ इनसे प्रचारित होते हैं। प्रतिदिन के बाजार भाव के प्रसारण से व्यापारी वर्ग लाभान्वित होता है। खोए हुए व्यक्तियों की खोज दूरदर्शन के माध्यम से आसान हो गयी है। अब तो आतंकवादी और गुन्डों को पकड़ने में भी यह मदद कर रहा है। व्यापारी अपनी वस्तुओं का विज्ञापन बड़े ही लुभावने और आकर्षक ढंग से दूरदर्शन पर करता है जिसका प्रभाव सभी वर्ग के लोगों पर पड़ता है। यहाँ तक कि राजनीतिक पार्टियाँ भी अपनी-अपनी पार्टी के उद्देश्य और कार्यक्रमों का प्रसारण दूरदर्शन पर करती है जिसकी अमिट छाप जनता पर पड़ती है। किन्तु लाभ अर्जित करना ही टी० वी० चैनलों का एकमात्र उद्देश्य रह गया है। फलतः स्वस्थ एवं उपयोगी विज्ञापनों पर ध्यान न देकर अत्यधिक लाभ के विज्ञापन की ओर ध्यान दिया जा रहा है। का अन्तः सम्बन्ध होता है । अतः आनंद भी उठाते हैं और उसमें निहित उद्देश्य से शिक्षा भी प्राप्त करता है।