रक्षा अनुसंधान विभाग के प्रमुख भारतीय प्रक्षेपास्त्र कार्यक्रम के पुरोधा डा० ए० पी० जे० अब्दुल कलाम एक बहुमूखी प्रतिभा के व्यक्ति थे। उन्हें देश के सर्वोच्च नागरिक अलंकरण भारत रत्न से सम्मानित किया गया। इससे पूर्व उन्हें पद्मविभूषण सहित अनेक नागरिक एवं सार्वजनिक अलंकारों से विभूषित किया जा चुका है।
आजीवन अविवाहित डा० कलाम प्रधानमंत्री के रक्षा सलाहकार होने के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय ख्याति के अंतरिक्ष वैज्ञानिक भी थे। वीणावादन में सिद्धहस्त डा कलाम देश की सुरक्षा के संबद्ध शस्त्रों के विकास की योजनाओं के निर्देशक थे। उन्हीं के नेतृत्व में चलाये गये कार्यक्रमों के फलस्वरूप देश में अग्नि, आकाश, त्रिशुल, पृथ्वी तथा नाग प्रेक्षपस्त्रों का विकास संभव हो रहा। राष्ट्रीय अंतरिक्ष कार्यक्रम में भी डा० कलाम की भूमिका सर्वस्वीकृत है। 1980 में तिरुअनंतपुरम से एस०एल०वी० 3 से रोहिणी का प्रक्षेपण उन्हीं के निर्देशन में संभव हुआ।