बिहार में कृषक मजदूरों की वर्तमान दशा अत्यन्त सोचनीय है।
बिहार में एक तरफ जनसंख्या वृद्धि के कारण कृषक मजदूरों की समस्या बढ़ती जा रही है, तो दूसरी तरफ इनकी दशा बहुत ही गिरी हुई तथा दयनीय है।
बिहार के कृषक मजदूर काफी गरीब हैं। इनका सारा जीवन गरीबी, बेकारी, शोषण, उत्पीड़न तथा अनिश्चितता से भरे हुए हैं।
इनकी सामाजिक दशा भी बहुत अच्छी नहीं हैं। कई स्थानों पर कृषक मजदूरों की दशा गुलामो-जैसी पायी जाती है। बिहार में कृषक मजदूरों की अनेक समस्याएँ हैं, जो निम्नलिखित हैं: - (1) उन्हें कम मजदूरी दी जाती है।
(2) इन्हें मौसमी रोजगार ही मिल पाता है।
(3) मालिक उनसे अधिक घंटे काम करवाते हैं।
(4) वे ऋण से ग्रसित होते हैं।
(5) उनका जीवन स्तर निम्न होता है।
(6) उन्हें आवास की कमी रहती है।
(7) वे बँधुआ मजदूर की तरह भी कार्य करते हैं।
(8) उन्हें सहायक रोजी-रोटी का अभाव होता है।
(9) उनका संगठन नहीं होता।
(10) कृषि में मशीनीकरण से मजदूरों में बेकारी बढ़ रही है।