मुगल दरबार का एक प्रमुख स्तंभ अधिकारियों का वर्ग था। इतिहासकारों ने उसे मुगल अभिजात वर्ग की संज्ञा दी है।
मुगल अभिजात वर्ग का वर्णन एक ऐसे गुलदस्ते के रूप में किया जाता है जो बादशाह के वफादार होते थे।
इस गुलदस्ते रूपी अभिजात वर्ग में सभी धर्मों के लोग होते थे। शाहजहाँ के शासनकाल में चन्द्रभान ने अपनी पुस्तक चार चमन में अभिजात वर्ग का विस्तृत वर्णन किया है।
इस अभिजात वर्ग में अरब, ईरान, तुर्की, अबिसिनियाई, एवं भारतीय मुस्लिम आदि भी सम्मलित थे।
अभिजात वर्ग को आवश्यकतानुसार किसी भी प्रांत राजपूत में अथवा सैन्य अभियान में प्रतिनियुक्त किया जा सकता था।