पर्यावरण संरक्षण पर संक्षिप्त लेख लिखें। Paryavaran Sanrakshan Per Sankshipt Likhen.
121 views
0 Votes
0 Votes

पर्यावरण संरक्षण पर संक्षिप्त लेख लिखें। Paryavaran Sanrakshan Per Sankshipt Likhen.

1 Answer

0 Votes
0 Votes
 
Best answer

Ans. वे भौतिक एवं रासायनिक परिवर्तन जो पर्यावरण में अवांछनीय परिवर्तन कर देते हैं, पर्यावरण प्रदूषण कहलाते हैं। पर्यावरण से तात्पर्य भौगोलिक पर्यावरण से है जिसमें सभी प्राकृतिक शक्तियाँ आती हैं जिन पर मनुष्य का कोई नियंत्रण नहीं होता। मनुष्य अपनी बुद्धि और बल के द्वारा जिन प्राकृतिक दशाओं में कुछ परिवर्तन या संशोधन कर लेता है वे भौगोलिक पर्यावरण का अंग नहीं रह जाती जैसे जोती गई जमीन, नदियों पर बनाये गये बांध, पहाड़ों को काटकर बनायी गयी सड़कें, जंगलों एवं पेड़ों को काट कर बनाये गये रिहाइशी स्थल, कारखानों एवं नगरों के गंदे जल एवं कचड़े को नदियों में बहाना इत्यादि।

मनुष्य के जीवन पर पर्यावरण की विभिन्न दशाओं का बहुत गहरा प्रभाव पड़ता है। जैसेमैदानी मरूस्थलीय, पर्वतीय, नदी एवं समुद्र तटों के क्षेत्रों में रहने वाले मनुष्यों का पर्यावरण मेंभिन्नता होने के कारण उनके जीवन के स्वरूप में भिन्नता नजर आती है। पर्यावरण के प्रभाव को निम्नलिखित बिंदुओं से दर्शाया जा सकता है

1. सामाजिक, आर्थिक, धार्मिक तथा राजनीतिक संस्थाओं पर प्रभाव।

2. मानव व्यवहारों पर प्रभाव । जैसे आत्महत्या, अपराध, मानसिक योग्यता तथा कार्यक्षमता। 3. सांस्कृतिक जीवन पर प्रभाव- इसके अन्तर्गत प्रौद्योगिकी, कला एवं साहित्य, वेशभूषा एवं खान-पान पर प्रभाव।

4. जनांकीकीय प्रभाव - इसके अन्तर्गत जनसंख्या के आकार, जन्मदर एवं मृत्युदर तथा प्रवासी प्रवृत्ति पर वातावरण का प्रभाव पड़ता है। दुनिया की महत्वपूर्ण सभ्यताओं का जन्म एवं विकास संतुलित जलवायु के कारण ही हुआ और उनका विनाश असंतुलित जलवायु के कारण हुआ। अतः पर्यावरण संरक्षण नितान्त आवश्यक है। सरकार ने पर्यावरण संरक्षण के लिए विशेष नीति अपनाई है, संविधान के अनुच्छेद 48 -क में संरक्षण को नीति निर्देशक तत्वों के रूप में सम्मिलित किया गया है तथा यह अभिलिखित किया गया है कि " राज्य देश के पर्यावरण की सुरक्षा तथा उनमें सुधार करने का और वन एवं वन्य जीवों की रक्षा का प्रयास करेगा। " इसी प्रकार संविधान के अनुच्छेद 51-क में पर्यावरण संरक्षण को नागरिकों का मूल कर्त्तव्य मानते हुए यह प्रावधान किया गया है कि " भारत के प्रत्येक नागरिक का यह कर्त्तव्य होगा कि वह प्राकृतिक पर्यावरण की जिसके अन्तर्गत वन, झील, नदी और वन्य जीव हैं, रक्षा करें और उनका संवर्द्धन करें तथा प्राणी मात्र के प्रति दया भाव रखें।

पर्यावरण संरक्षण से संबंधित अब तक जो अधिनियम पारित किये गये हैं उनमें 'जल ( प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम, 1974', 'वायु ( प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम, 1981', 'पर्यावरण' (संरक्षण) अधिनियम, 1986' 'भारतीय वन अधिनियम, 1927', वन्य जीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972' प्रमुख हैं।

किन्तु केवल नियम बनने से ही पर्यावरण का संरक्षण नहीं हो जाता। इसके लिए जनता में पर्यावरण के संरक्षण के प्रति जागरूकता भी आवश्यक है।

RELATED DOUBTS

Peddia is an Online Question and Answer Website, That Helps You To Prepare India's All States Boards & Competitive Exams Like IIT-JEE, NEET, AIIMS, AIPMT, SSC, BANKING, BSEB, UP Board, RBSE, HPBOSE, MPBSE, CBSE & Other General Exams.
If You Have Any Query/Suggestion Regarding This Website or Post, Please Contact Us On : [email protected]

CATEGORIES