कोरोना वायरस (कोविड-19) का संबंध वायरस के ऐसे परिवार से है जिसके संक्रमण जुकाम से लेकर सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्या हो सकती है। इस वायरस को पहले कभी नहीं देखा गया है। इस वायरस का संक्रमण दिसंबर 2019 में चीन के वुहान शहर में शुरू हुआ था। डब्लू. एच. ओ. के मुताबिक बुखार, खांसी, सांस लेने में तकलीफ इसके प्रमुख लक्षण हैं। इसके संक्रमण के फलस्वरूप बुखार, जुकाम, सांस लेने में तकलीफ, नाक बहना और गले में खराश जैसी समस्याएँ उत्पन्न होती हैं। यह वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। इसलिए इसे लेकर बहुत सावधानी बरती जा रही है।
कोरोना वायरस खांसी और छींक से गिरने वाली बूंदों के जरिए फैलते हैं। कोविड-19 नाम का यह वायरस अब विश्व के सभी देशों में फैल चुका है। कोरोना के संक्रमण के बढ़ते खतरे को देखते हुए समाजिक दूरी बनाये रखने की जरूरत है ताकि इसे फैलने से रोका जा सके। भारत सरकार ने 22 मार्च 2020 को इस महामारी के फैलाव को रोकने के लिए जनता कर्फ्यू लगाया था। पूरा देश अपने-अपने घरों में बंद था। इसके बाद सरकार ने देश के विभिन्न जिलों में 'लॉक डाउन' लगाकर सामान्य जीवन व्यापार पर अंकुश लगा दिया था। इसके बाद पूरे देश में दो महीने तक 'लॉक डाउन' लगा दिया गया।
2020 तक विश्व भर में कोरोना वायरस से करोड़ों लोग संक्रमित हुए थे जिसमें लाखों लोग मौत के शिकार हुए। सबसे ज्यादा संक्रमण तथा मौत अमेरिका में हुई। भारत में यह संख्या एक करोड़ थी और मरने वालों की संख्या हजारों में थी।
16 जनवरी 2021 से देश के हजारों केन्द्रों पर एक साथ शुरू हुए विश्व के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान के पहले दिन ही 1,91,181 स्वास्थ्य कर्मियों, सफाई कर्मियों और डाक्टरों को टीका लगाया गया। कोरोना से जंग में ये अग्रिम पंक्ति के योद्धा रहे हैं। अभियान का शुभारंभ करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जहां वैज्ञानियों और शोधकर्ताओं की उपलब्धि से अभिभूत थे वहीं कोराना काल में लोगों की तकलीफों को बयां कर भावुक भी हो गए। अग्रिम पंक्ति के योद्धाओं का आभार जताते हुए उन्होंने कहा कि देश में लॉकडाउन लगाने का फैसला बहुत कठिन था। पटना के आइजीआइएमएस में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय की मौजूदगी में पहला टीका सफाई कर्मी रामबाबू ने लिया। मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री ने टीका लेने वाले रामबाबू को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।
टीकाकरण अभियान की शुरूआत से इसके साथ ही लाखों जिंदगियां और रोजगार लीलने वाली इस महामारी के खात्मे की उम्मीद जगी है।
कोरोना के खिलाफ भारत के टीकाकरण अभियान की विशालता को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह भारत की सामर्थ्य को दिखाता है। भारत शुरू में ही जितने लोगों को टीका लगाने जा रहा है, वह कई देशों की आबादी से अधिक है। पहले चरण में ही तीन करोड़ स्वास्थ्यकर्मियों, सफाईकर्मियों और सुरक्षाकर्मियों को टीका लगाया जाएगा। जबकि दुनिया के 100 देशों की आबादी तीन करोड़ से कम है।
फरवरी 2022 तक देश के लगभग सभी लोगों को वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी। अब कोरोना की तीसरी लहर समाप्त हो गई है।