Ans. वन्य जीवों के प्राकृतिक आवासों के विनाश तथा जैवविविधता के ह्रास एवं क्षय की समस्या अब क्रान्तिक सीमा (critical limit) को पार कर गयी है। प्राकृतिक आवासों एवं वन्य जीवों के संरक्षण की मांग ने विश्व समुदाय का ध्यान आकर्षित किया है ताकि जैवविविधिता का समुचित संरक्षण किया जा सके। यद्यपि जैवविविधता के स्थानीय एवं प्रादेशिक स्तरों पर संरक्षण एवं परिरक्षण (preservation ) के 1950 से छिट-पुट प्रयास किए जाते रहे हैं परन्तु वन्य जीवों की संख्या तथा जैवविविधता के संरक्षण (conservation) का प्रथम विश्व स्तरीय प्रयास सन् 1992 में प्रथम पृथ्वी सम्मेलन के समय किया गया। ज्ञातव्य है कि प्रथम पृथ्वी सम्मेलन, जिसे रियो सम्मेलन भी कहते हैं, का संयुक्त राष्ट्र संघ के तत्वाधान में ब्राजील के रियो डी जेनेरो नगर में सन् 1992 में (दिसम्बर 3 से 14 ) का आयोजन किया गया। इस सम्मेलन में 178 देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इस सम्मेलन के निम्न प्रमुख लक्ष्य थे
• पृथ्वी एवं इसके पर्यावरण की रक्षा,
• पारिस्थितिकीय सन्तुलन का अनुरक्षण (maintenance), तथा