हरित क्रान्ति पर एक निबंध लिखें। Harit Kranti Per Ek Nibandh Likhen.
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हरित क्रान्ति पर एक निबंध लिखें। Harit Kranti Per Ek Nibandh Likhen.

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हरित क्रान्ति कृषि के विकास के संदर्भ में एक महत्वपूर्ण कदम है। कृषि के क्षेत्र में फैली व्याप्त असमानताओं का समाधान करने तथा कृषि उत्पादकता में वृद्धि करने के उद्देश्य की पूर्ति के लिए कृषि की नई विकास नीति (New Strategy) अपनायी गयी। इस नयी विकास नीति का आधार अधिक उपजाऊ किस्म के बीज, उत्तम रासायनिक खाद तथा गहन सिंचाई है। इसे ही हरित क्रान्ति कहा जाता है।

भारत में हरित क्रान्ति कृषि विज्ञान की महत्वपूर्ण उपलब्धि है। इसके द्वारा उत्पादकता में काफी वृद्धि हुई है। हरित क्रान्ति के संबंध में प्रो० लैण्ड जिंसकी ने अपने लेख में लिखा है कि “जहाँ कहीं भी नयी तकनीक उपलब्ध है कोई किसान इसके महत्व को अस्वीकार नहीं कर सकता है। अच्छी कृषि विधियों तथा अच्छे जीवन स्तर की इच्छा न केवल नयी उत्पादन तकनीकों का संयोग करने वाले एक छोटे से धनी वर्ग तक सीमित है बल्कि उन लाखों किसानों में फैल गई है जिनको अच्छा जीवन स्तर अपनाना सपना है।

हरित क्रान्ति अथवा नयी कृषि तकनीक की निम्नलिखित उपलब्धियाँ हैं

1. प्रति हेक्टर उत्पादन में वृद्धि हरित क्रान्ति ने प्रति हेक्टर उत्पादन में काफी वृद्धि की है। खासकर गेहूँ तथा चावल के उत्पादनों में इस क्रान्ति ने काफी वृद्धि लायी है। 1960-61 में गेहूँ का प्रति हेक्टर उत्पादन 85 किलोग्राम था जो 1978-79 में 1574 किलोग्राम हो गया। चावल का उत्पादन भी 1013 किलोग्राम से बढ़कर 1978-79 में 13.34 किलोग्राम हो गया। इतना ही नहीं इसे क्रान्ति का अन्य फसलों पर भी अच्छा प्रभाव पड़ा।

2. उत्पादन की दर में वृद्धि : इस क्रान्ति ने कृषि उत्पादन की वृद्धि दर में भी काफी वृद्धि की है। बीसवीं शताब्दी के प्रारंभ में कृषि उत्पादन की औसत वार्षिक वृद्धि दर 1/4 प्रतिशत थी। परन्तु 1949-50 से 1981-82 की अवधि के दौरान कृषि उत्पादन की औसत विकास की वार्षिक दर 4% रही है। इस प्रकार हरित क्रान्ति की एक उपलब्धि है।

3. कुल उत्पादन में वृद्धि : हरित क्रान्ति से कुल उत्पादन में काफी वृद्धि हुई है। 1978-79 में खाद्यान्नों का कुल उत्पादन 13.14 करोड़ टन हुआ था। इस क्रान्ति के फलस्वरूप खाद्य आयात बन्द कर दिये गये हैं। इसके साथ ही काफी मात्रा में बफर स्टॉक कर लिये गये हैं।

4. खाद्यान्न अभाव से उत्पादन तनाव को रोकना - हरित क्रान्ति से विभिन्न फसलों के उत्पादन में काफी वृद्धि हुई है। हरित क्रान्ति के महत्व के संबंध में प्रो० दाँते वाला ने लिखा है कि हरित क्रान्ति ने सांस लेने योग्य समय दिया है। इसका मुख्य योगदान यह है कि इससे खाद्यान्न से उत्पन्न चिन्ताओं से मुक्ति मिलेगी तथा अर्थशास्त्रियों और नियोजकों का ध्यान पुनः भारतीय योजना की ओर जमने लगेगा।

5. व्यावसायिक लाभ व्यावसायिक दृष्टि से भी हरित क्रान्ति से लाभ प्राप्त हुआ है। हरित क्रान्ति के फलस्वरूप भारतीय किसान यह महसूस करने लगे हैं कि कृषि जीवन-यापन का ही एक साधन नहीं है वरन एक व्यवसाय ही है।

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