प्रकृति द्वारा प्रदत्त संसाधनों का दोहन बड़े पैमाने पर किया जा रहा है। इसका दुष्प्रभाव पर्यावरण पर पड़ता है।
प्रकृति के बीच संतुलन बनाये रखने हेतु संसाधनों का वर्गीकरण, संसाधनों का सर्वेक्षण, उनका मूल्यांकन तथा संरक्षण एवं परिरक्षण एवं पर्यावरण पर प्रदूषण का प्रभाव इत्यादि को ध्यान में रखते हुए संसाधनों का प्रबन्धन आवश्यक है।